एक सशक्त सोच, जो इंसानों का नाता, इंसानियत से जोड़ दें! एक सशक्त सोच, जो इंसानों का नाता, इंसानियत से जोड़ दें!
दुनिया को मिले जहाँ स्वार्थ वो तो बस वही होगा। दुनिया को मिले जहाँ स्वार्थ वो तो बस वही होगा।
वो कभी नहीं आया,उम्मीद की रौनी पर बादल मँडराते रहे,और देह की गठरी छन्न-छन्न बुझती रही। वो कभी नहीं आया,उम्मीद की रौनी पर बादल मँडराते रहे,और देह की गठरी छन्न-छन्न बुझत...
ध्यान में मेरे गुरुदेव तुम हो... ध्यान में मेरे गुरुदेव तुम हो...
आज सुबह नज़ारा कुछ अलग था आज सुबह नज़ारा कुछ अलग था
तुम्हारी लौ अलौकिक बन गई तुम्हारी लौ अलौकिक बन गई